Pages

Tuesday, 19 May 2020

कोरोना - एक असामान्य अनुभव (Hindi Kavita)

Hey everyone

Sharing a hindi poem written by my son on Corona experience-

महामारी का नाम सुना था
अपने पूजित बुज़ुर्गों से
खबर न थी ज़िन्दगी रूबरू होगी
ऐसे असामान्य रोगों से
एक विषैला सूक्ष्म जीव जो
सांसों में घुलता जाता है
बेबस हो इंसान बेचारा
मौत को गले लगता है
रोक लो मिलकर, मेरे देशवासियों
तबाही के इस मंज़र को
'एहतियात' को ढाल बनाकर
नाकाम करो इस खंजर को
कोरोना के कहर ने अब तक
हमको बहुत सताया है
पर लॉक डाउन के कड़े नियमों ने
गज़ब का असर दिखाया है
दुनिया के उन्नत देशों ने भी
कोरोना के आगे घुटने टेके हैं
पर भारत ने अपनी सुव्यवस्था से
कई विषम कंत उखाड़ फेंके हैं
खोज कर एक 'अमृत' जल्द ही
यह जंग भी जायेंगे हम जीत
इंतज़ार है उस शुभ दिन का
जब कोरोना बन जायेगा अतीत

Composed by
Shamit

No comments:

Post a Comment

Thank you for stopping by. Your opinion matters to me.